उकडपेंडी
यह महाराष्ट्र की बहुत ही स्वादिष्ट डिशेस में से एक हैं जो मैंने मेरी नानी से सीखी थी। जब भी इसे बनाती हूँ नानी के हाथ की बनी उकडपेंडी याद अाती है व दिल पुरानी यादों में खो जाता है 😊
यह गेहूँ के दरदरे पीसे हुए आटे से बनती है और बहुत ही कम समय में बनकर तैयार हो जाती है । खाने में तो स्वादिष्ट लगती ही है बनाने में भी बहुत सरल और घर में उपलब्ध सामग्री से आसानी से बन जाती है । वैसे तो इसे नाश्ते के रुप में खाया जाता है परन्तु कभी बनाकर खाये तारीफ किये बिना नहीं रह पायेंगे इस डीश की।
४ लोगों के लिये
सामग्री
४ कटोरी गेहूँ का अाटा मोटा पीसा (दरदरा / लड्डू अाटा ) (करीबन ४०० ग्राम)
१ बड़ा प्याज छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर
४ बटके इमली व १ इंच गुड़ का टुकड़ा दोनों २ कटोरी पानी में भिगोकर
२ चम्मच + ३ बड़े चम्मच तेल
१ छोटा चम्मच राई
१ छोटा चम्मच जीरा
२ हरी मिर्च टुकड़ों में काटकर
१/२ छोटा चम्मच हल्दी पावडर
१/२ छोटा चम्मच लाल मिर्च पावडर ( यह मिर्ची के तीखे पन के अनुसार ले यदि हरी मिर्च तीखी हो तो लाल मिर्च पावडर ना डाले।)
१ छोटा चम्मच धनिया पाउडर
स्वादानुसार नमक
सजावट व परोसने के लिये
अनार के दाने , हरी धनिया पत्ती, सूखा / गीला नारियल कद्दूकस किया हुआ व सेव।
विधि
उकडपेंडी बनाने के 10 से 15 मिनट पहले इमली और गुड़ को दो कटोरी पानी में भिगोकर रख ले ।
अब इस इमली को हाथों से मसलकर उसका रस गुड़ के पानी में मिला ले व छानकर(ताकि इमली के टुकड़े अलग हो जाए) अलग रखे।
दो चम्मच तेल कढ़ाई में गर्म करके गेहूं के मोटे आटे को इससे अच्छे से गुलाबी रंग आने तक सेक कर अलग रखे ।
कढ़ाई में ३ बड़े चम्मच तेल गर्म करें राई और जीरा डालकर तड़कने दे। हरी मिर्च डालें । अब इसमें प्याज डालकर गुलाबी रंग आने तक भून ले।
हल्दी और लाल मिर्च पाउडर व धनिया पावडर मिलाएं ।
भून कर रखा गेहूं का आटा मिलाएं नमक डालें (उकडपेंडी में नमक की मात्रा बाकी दूसरे पदार्थों की तुलना में थोड़ी कम लगती है ।)
दो मिनट तक भूने । अब इसमें इमली और गुड़ का पानी छिडकते हुए मिलाए । ढक कर भाप अाने तक पकाए। ( आवश्यकता पड़ने पर थोड़ा और साधा पानी छिड़ककर भाप ले सकते हैं ।) ये तैयार हैं।
परोसते समय धनिया के पत्ते , अनार के दाने, नारियल और सेव डालकर दही या छास/छाछ के साथ पेश करें।
*इसे गेहूं के सादे आटे से भी बनाया जाता है परंतु वह थोड़ा चिकना लगता है और वह मेरे घर के लोगों को पसंद नहीं आता इसलिए इसे बनाने के लिए मुख्यतः मोटा/ दरदरा पिसा गेहूं का आटा प्रयोग में लिया है ।
*इमली के जगह खटाई के लिये पर छाछ का प्रयोग भी किया जा सकता है। या परोसते समय नींबू निचोड़ कर भी, परंतु सब का स्वाद अलग अलग होता है ..
यह महाराष्ट्र की बहुत ही स्वादिष्ट डिशेस में से एक हैं जो मैंने मेरी नानी से सीखी थी। जब भी इसे बनाती हूँ नानी के हाथ की बनी उकडपेंडी याद अाती है व दिल पुरानी यादों में खो जाता है 😊
यह गेहूँ के दरदरे पीसे हुए आटे से बनती है और बहुत ही कम समय में बनकर तैयार हो जाती है । खाने में तो स्वादिष्ट लगती ही है बनाने में भी बहुत सरल और घर में उपलब्ध सामग्री से आसानी से बन जाती है । वैसे तो इसे नाश्ते के रुप में खाया जाता है परन्तु कभी बनाकर खाये तारीफ किये बिना नहीं रह पायेंगे इस डीश की।
४ लोगों के लिये
सामग्री
४ कटोरी गेहूँ का अाटा मोटा पीसा (दरदरा / लड्डू अाटा ) (करीबन ४०० ग्राम)
१ बड़ा प्याज छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर
४ बटके इमली व १ इंच गुड़ का टुकड़ा दोनों २ कटोरी पानी में भिगोकर
२ चम्मच + ३ बड़े चम्मच तेल
१ छोटा चम्मच राई
१ छोटा चम्मच जीरा
२ हरी मिर्च टुकड़ों में काटकर
१/२ छोटा चम्मच हल्दी पावडर
१/२ छोटा चम्मच लाल मिर्च पावडर ( यह मिर्ची के तीखे पन के अनुसार ले यदि हरी मिर्च तीखी हो तो लाल मिर्च पावडर ना डाले।)
१ छोटा चम्मच धनिया पाउडर
स्वादानुसार नमक
सजावट व परोसने के लिये
अनार के दाने , हरी धनिया पत्ती, सूखा / गीला नारियल कद्दूकस किया हुआ व सेव।
विधि
उकडपेंडी बनाने के 10 से 15 मिनट पहले इमली और गुड़ को दो कटोरी पानी में भिगोकर रख ले ।
अब इस इमली को हाथों से मसलकर उसका रस गुड़ के पानी में मिला ले व छानकर(ताकि इमली के टुकड़े अलग हो जाए) अलग रखे।
दो चम्मच तेल कढ़ाई में गर्म करके गेहूं के मोटे आटे को इससे अच्छे से गुलाबी रंग आने तक सेक कर अलग रखे ।
कढ़ाई में ३ बड़े चम्मच तेल गर्म करें राई और जीरा डालकर तड़कने दे। हरी मिर्च डालें । अब इसमें प्याज डालकर गुलाबी रंग आने तक भून ले।
हल्दी और लाल मिर्च पाउडर व धनिया पावडर मिलाएं ।
भून कर रखा गेहूं का आटा मिलाएं नमक डालें (उकडपेंडी में नमक की मात्रा बाकी दूसरे पदार्थों की तुलना में थोड़ी कम लगती है ।)
दो मिनट तक भूने । अब इसमें इमली और गुड़ का पानी छिडकते हुए मिलाए । ढक कर भाप अाने तक पकाए। ( आवश्यकता पड़ने पर थोड़ा और साधा पानी छिड़ककर भाप ले सकते हैं ।) ये तैयार हैं।
परोसते समय धनिया के पत्ते , अनार के दाने, नारियल और सेव डालकर दही या छास/छाछ के साथ पेश करें।
*इसे गेहूं के सादे आटे से भी बनाया जाता है परंतु वह थोड़ा चिकना लगता है और वह मेरे घर के लोगों को पसंद नहीं आता इसलिए इसे बनाने के लिए मुख्यतः मोटा/ दरदरा पिसा गेहूं का आटा प्रयोग में लिया है ।
*इमली के जगह खटाई के लिये पर छाछ का प्रयोग भी किया जा सकता है। या परोसते समय नींबू निचोड़ कर भी, परंतु सब का स्वाद अलग अलग होता है ..
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