मेरी माँ की रेसिपी जो मेरे पूरे परिवार में सभी को बेहद पसंद हैं।
मूँग दाल (बिना छिलके वाली ) १ पाव
शक्कर १/२ किलो (पसंद के अनुसार कम या ज्यादा करे )
शुद्ध घी २५० ग्राम
मावा १५० ग्राम
दूध १२० मिलीलीटर
पिसी इलायची
काजू बादाम किशामिश
केसर
रात में दाल को धोकर भीगो दे . सुबह दाल को दरदरा पीसे । एक कढ़ाई में मावा हल्का भून कर अलग रख दे। एक मोटे पैंदे कि कढाई में घी और दाल को डालकर धीमी आँच पर तब तक सेके जब तक कि उसका रंग गुलाबी ना हो जाये । इसमे भूना हुआ मावा मिलाये . दूध डालकर अच्छे से हिलाकर ढक दे .. एक भाप आने पर गैस बंद करे ।
इस स्थिति में यह ध्यान देने वाली बात है कि भुनी हुई दाल में गुठली नहीं होनी चाहिए आपको यदि दाल में गुठली महसूस हो तो उसे फिर से( गरम ही) मिक्सर में हल्का सा ( सिर्फ १-२ सेकंड के लिए ) घुमा ले । दाल फिर से दानेदार हो जाएगी ।
अब दूसरे बर्तन में शक्कर कि चाशनी बनाये केसर मिलाए .. चाशनी ज़लेबी कि चाशनी के समान होनी चाहिये (बिना तार वाली भी चलेगी) .. इस चाशनी में भूनी दाल डालकर 2-3 मि धीमी आँच पर हिलाते रहिये .. पिसी इलायची मिलाईये ..बुलबुले आने लगे तब गैस बंद कीजिये सुखे मेवे से सजाकर पेश कीजिये ।
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